पत्नी को उत्पीड़ित करने वाले
खुद को पीड़ित बतलाते हैं!
माँ और पत्नी बीच रेफरी खेल-खेल
खुद को ये फुटबाल सा पाते हैं।
बचपन माँ के पल्लू तले काटा
बड़े होकर भी न उसे छोड़ पाए
जब बीवी घर आई तो क्या करें
इसी दुविधा में अब खुद को पाएँ।
माँ का लाड़ और पत्नी का प्यार
इनके सिर पर लटके दोधारी तलवार
एक खुश है तो, दूजी नाराज़
इनकी तो बंद हो गई आवाज़।
अब सोचो इन पर क्या गुज़रे
जब हो सास का घर आगमन
रस्सी ढूँढे लटकाने को खुद
जब करना पड़े अग्नि शमन।
त्रासित पति की गाथा
बेहद दुखदायी है
बहनों इन पर मत हँसो
यह स्थिति इन की
इन्होंने ही बनाई है।
Bahut khoob
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